सात ग्रह. Massimo Longo E Maria Grazia Gullo

सात ग्रह - Massimo Longo E Maria Grazia Gullo


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वोफ?”

      “हाँ, बिलकुल ठीक। उसे मेरे पास लाओ।”

      “जी श्रीमान।”

      कमांडर ने गार्ड को सर हिला कर इशारा किया और कुछ ही मिनट बाद वे एक अधेड़ आदमी कमरे में वापस आए। वह थका हुआ और शारीरिक रूप से कमजोर लग रहा था, लेकिन उसके चेहरे पर अब भी एक सैनिक की तरह गर्व और निडरता के भाव थे।

      “हमें अकेला छोड़ दो।” रुएग्रा ने आदेश दिया।

      वह अपने सबसे तीव्र बुद्धि दुश्मन के साथ अकेला था। उसे याद आया कि युद्ध के दौरान उसने अपनी रणनीतिक सोच के बल पर उन हालात को पलटा था, जो उसे मौत के मुँह में ले जा रहे थे, हालांकि उसके हाथ में बहुत कम छठों की कमान थी।

      बात शुरू करने से पहले कुछ पलों के लिए वह हिचकिचाया। अपने सफर के दौरान उसने कई रणनीतियों पर विचार किया था। वह जानता था कि यह बहुत अविश्वसनीय था कि वह अपने दुश्मन को बचाने की बात करने जा रहा था। अब समय आ चुका था, कि वह चाल का चुनाव करे और आमना सामना मुक़ाबला करे।

      इस उम्मीद पर कि उसके बुढ़ापे और थकान ने उसे और कमजोर बना दिया होगा, उस ने खुशामद का रास्ता अपनाने का निर्णय लिया।

      “मैं तुम्हें सलाम करता हूँ, वोफ। मुझे कहना पड़ेगा कि हालांकि तुम्हें सही इलाज नहीं दिया गया, इसके बावजूद तुम बुरे नहीं दिख रहे। हालांकि मैं ने आदेश दिया है कि तुम्हें किताबें और ज्ञान दिया जाए।”

      “बहुत समय बाद नज़र आए।” वोफ ने अपनी गहरी काली आँखों से जनरल की तरफ देखते हुए कहा, “तुम्हें कौन सि मजबूरी यहाँ खींच लाई, इस जगह जिसे प्रकाश भी भूल चुका है, जहां अँधेरों का राज है?”

      “मैं यहां आपसे अपने पिता के बारे में बात करने के लिए आया था। मुझे याद है कि मेरे बचपन में वह एक चर्मपत्र के बारे में बात किया करते थे, जिसके सभी रहस्यों को आप जानते थे। अब जब मैं बूढ़ा हो रहा हूं, तो मैं कभी-कभी उसके बारे में सोचता हूं तो मुझे आश्चर्य होता है कि क्या उस कहानी में कुछ सच्चाई है।”

      वोफ


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