वरध तकत. Aldivan Teixeira Torres

वरध तकत - Aldivan Teixeira Torres


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तीसरी चुनौती बहुत आसान लग रही थी। किसी को मारने के बारे में सोच भी नहीं सकता। लेकिन फिर भी, मुझे इसका सामना करना पड़ेगा। और इस प्रतिज्ञा के साथ मैं चलने लगा और थोड़ी देर में ही मैं झोंपडी के बाहर था। तीसरी चुनौती यहाँ से शुरू होती है और मैं इसकी तैयारी करता हूँ। मैं पहला रास्ता लेता हूँ और उसमें चलना शुरू करता हूँ। रास्ते के दोनों तरफ लगे पेड़ बहुत ही चौड़े और गहरी जड़ वाले हैं। मैं किस चीज को ढूंढ रहा हूँ? सफलता, जीत और उपलब्धि। जो भी हो, मैं ऐसा कुछ भी नहीं करूँगा जो मेरे सिद्धान्तों के खिलाफ हो। प्रसिद्धि, सफलता और ताकत से पहले मेरी इज़्ज़त है। तीसरी चुनौती मुझे परेशान कर रही है। मेरे लिए मारना एक अपराध है चाहे वह कोई जानवर ही क्योँ ना हो। दूसरी तरफ मैं गुफा में प्रवेश करना चाहता हूँ और अपनी फ़रियाद पूरी करना चाहता हूँ। यह दो "विरोधी ताकतों" या "विरोधी रास्तो" का प्रतिनिधित्व करती हैं।

      मैं रास्ते पर ही चल रहा था और प्रार्थना कर रहा था कि मुझे कुछ ना मिले। कौन जाने, हो सकता है तीसरी चुनौती खत्म ही कर दी जाए। मुझे नहीं लगता संरक्षक इतने दयालु होंगे। नियम का पालन सभी को करना पड़ता है। मैं थोड़ी देर रुका और जो दृश्य देखा उस पर भरोसा नहीं कर पा रहा था: एक ओसेलेट और उनके तीन शावक, मेरे आस पास खेल रहे थे। बस यही था। मैं तीन शावकों की माँ को नहीं मारूँगा। मेरे पास हिम्मत नहीं है। अलविदा सफलता, अलविदा निराशा की गुफा। बहुत सपने हुए। मैं तीसरी चुनौती पूरी नहीं कर पाया, मैं जा रहा हूँ। मैं अपने घर तथा प्रियजनों के पास लौट जाऊँगा। जल्द ही मैं अपने केबिन में सामान बाँधने के लिये आ गया। मैंने तीसरी चुनौती पूरी नहीं की।

      केबिन उखड़ा हुआ था, इसका क्या मतलब था? एक हाथ ने धीरे से मेरे बाजू को छुआ। मैं पीछे पलटा और संरक्षक को देखा।

      -मेरी शुभकामनाये, प्रिय!


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